दिलकश सूरत लगती
कमाल
दिनभर मचाए खूब धमाल
पर सोते हुए लगती भोलेपन
की मिसाल
एक बार जो हो जाए
शुरू
तो फिर चुप कहां
होती है
चट-पट चट-पट बातें
करती
बड़ी मुश्किल से
सोती है
मुंदी हुई पलकों के भीतर
भी
भाग रहे कंचे इधर-उधर
लगता है कोई सपना
देख रही है
शायद तितलियों के
पीछे भाग रही है
बीच-बीच में खोलकर
आंखें
निंदिया के साथ खेल
रही आंख-मिचौली
या फिर मार रही गपशप
गिलहरियों से
उसकी नई-नई हमजोली
कमल की ताज़ी पंखुडी
जैसे होंठों पर
आती-जाती ये मीठी
मुसकान
बता रही है कोयल
सुना रही है
अभी तुझे कोई मधुर
तान
नींदों में तेरा
करवट लेते हुए कुनमुनाना
मानो वन मयूरों के
साथ बेवजह ही थिरक जाना
फिर अचानक मुझसे यूं
लिपट जाना
जैसे स्कूल में माँ
की याद आ जाना
नींदों में कभी-कभी ऐसे
चहचहाना
ज्यूं गौरेयों के साथ
सुर सजाना
माथे पर तेरे पसीने
की बूंदें जो चुहचुहा जाएं
सैंकड़ों जुगनू
इकट्ठे झिलमिला जाएं
कान में मोती के दो
बूंदे यूं डोल रहे
जैसे चांद और सूरज
नभ में झूला झूल रहे
काले-काले बालों के
बीच ये मांग तेरी उजली
ज्यूं रात की
पगडण्डी पर तारों की बारात निकली
चेहरे पर ओढ़े आलस
की चादर
बड़ी प्यारी लगती
है सोती हुई यूं बेफिकर
रहे तू हमेशा सलामत
और तेरी ये मस्ती भरी नींद भी
इससे ज्यादा रब से
क्या मांग सकती हूं मैं कभी
माना समय पर नहीं
सोने के लिए तू डांट मुझसे खाती है
कभी-कभी तो इस बात
पर मुझसे रूठ भी जाती है
पर नींदों में जब
मेरी छाती पर चढ़ आती है
मेरी ममता खुद पर
इतराने का मौका पाती है
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just need to keep educating our girls, may be then the MIL will be educated and stop torturing the DIL. I unfortunately have very little faith faith in the Indian men.Mausumi Choudhury