बच्चों के लिए लिखना बच्चों का खेल नहीं। बड़ों के लिए लिखते समय लेखक जैसी
चाहे वैसी भूमिका अपना सकता है; प्रेरक, मार्गदर्शक, दोस्त, उपदेशक और यहां तक कि तटस्थ रचनाकार की भी। लेकिन अगर आप बच्चों के लिए
इस उद्देश्य के साथ कुछ लिखना चाहते हैं कि वो उनके जीवन में सार्थक बदलाव लाए, उनके व्यक्तित्व और चरित्र को तराशे तो आपको
एक माँ की मानिंद पहले उनकी मनोभूमि में प्रवेश करना होगा, फिर खुद भी एक बच्चा बनकर उनसे दोस्ती गांठनी होगी, तभी आप अपनी कह पाएंगे और वे सुन पाएंगे।
लेखक तुषार उप्रेती ने अपने प्रथम बाल कहानी संग्रह ‘छुटपन के दिन’ में भाषा, विषय, पात्र सभी स्तरों
पर बच्चों की दुनिया में जाकर उनसे संवाद स्थापित करने का कुछ ऐसा ही सफल प्रयास
किया है। पांच से दस वर्ष तक के बच्चों को लक्षित करके लिखे गए इस संग्रह में कुल
पांच कहानियां हैं जिनमें बच्चों को साफ-सफाई, पोषक खान-पान, सामान्य ज्ञान, पर्यावरण जैसे महत्त्वपूर्ण मुद्दों के बारे में बताया
गया है। पूरी किताब का उद्देश्य बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना है, लेकिन अच्छी बात यह है कि ऐसा मनोरंजक मिसालें
देकर किया गया है, कोरी समझाइश से
नहीं।
कहानियां चाहे बच्चों के लिए हों या वयस्कों के लिए, ‘जिज्ञासा’ हमेशा उनका प्राणतत्त्व
रहा है। आखिर, वही पाठक को बांधती
है, इस कसौटी पर भी इस कहानी संग्रह
की कथाएं खरी उतरती हैं। आकर्षक चित्रों से युक्त सभी कहानियां विभिन्न पात्रों के
बीच संवादों के सहारे शक्ल लेती हैं और एक मुकम्मल अंत की ओर बढ़ती हैं। इन कहानियों
की एक खास बात यह भी है कि इन्हें पढ़ने के साथ-साथ कहने-सुनाने की शैली में लिखा
गया है। अगर आप हाथ में किताब लेकर भी किसी कहानी का पाठ कर जाएं तो बच्चे भाषा की
जटिलता के कारण भावार्थ ग्रहण करने में कहीं अटकेंगे नहीं। विभिन्न कार्यशालाओं में
इसे आज़माया भी जा चुका है। आखिर हमारे देश में श्रुतियों की परंपरा रही है जहां सिर्फ
वाचन-श्रवण के माध्यम से ही महान् ज्ञान को आत्मसात् किया जाता रहा है।
अंत में, यह किताब उन सभी
दादी-नानी, माता-पिता, शिक्षक-मार्गदर्शकों के लिए एक अनमोल खज़ाना साबित हो सकती है जो बच्चों
को पंचतंत्र, हितोपदेश की कहानियां
सुना-सुनाकर उनमें रोज़ कहानी सुनने की आदत डाल चुके हैं पर अब जिनका स्टॉक खत्म
होने के कगार पर है। और हाँ, यह खास
तौर पर आपको आज के परिप्रेक्ष्य में बच्चों से संबंधित समस्याओं के निवारण का एक
रचनात्मक रास्ता भी सुझाएंगी।